WHY CHHATH PUJA IS CELEBRATED IN HINDI
छठ पूजा क्यों मनाई जाती है?
छठ पूजा, जिसे 'डाला छठ' और 'छठी मैया' के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जिसका उत्सव देश के कई हिस्सों में बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को समर्पित गाने बजाए जाते हैं, नृत्य किए जाते हैं और लोग मिलजुलकर इस खुशी में शामिल होते हैं। छठ पूजा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी भारत के कुछ अन्य हिस्सों में विशेष रूप से लोकप्रिय है। इस त्योहार में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। सूर्य देव से शक्ति और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मांगा जाता है, जबकि छठी मैया से संतान और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है।
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा का महत्व कई मायनों में है। सबसे पहले, यह एक ऐसा त्योहार है जो प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ा है। सूर्य देव और जल को पूजना प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है। दूसरा, छठ पूजा एक ऐसा त्योहार है जो परिवार के बंधन को मजबूत करता है। पूरे परिवार के सदस्य एक साथ आते हैं और इस पर्व को मिल-जुलकर मनाते हैं। तीसरा, छठ पूजा एक ऐसा त्योहार है जो हमें अपने सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं से जोड़ता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो सदियों से मनाया जा रहा है और हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
छठ पूजा की विधि
छठ पूजा की विधि थोड़ी जटिल है, लेकिन यह बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण है। छठ पूजा का प्रारंभ नाहाय-खाय के साथ होता है। इस दिन लोग स्नान कर के शुद्ध होते हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। इसके बाद, छठ पूजा का मुख्य दिन आता है जिसे खरना कहा जाता है। इस दिन लोग सूर्योदय से पहले उठते हैं और स्नान करते हैं। इसके बाद, वे सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य देने के बाद, लोग व्रत रखते हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं। छठ पूजा का तीसरा दिन परवैत के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग सूर्योदय से पहले उठते हैं और स्नान करते हैं। इसके बाद, वे सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य देने के बाद, लोग व्रत तोड़ते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं। छठ पूजा का अंतिम दिन उषा उदय के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग सूर्योदय से पहले उठते हैं और स्नान करते हैं। इसके बाद, वे सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य देने के बाद, लोग व्रत तोड़ते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।
छठ पूजा के गीत और नृत्य
छठ पूजा के दौरान, कई तरह के गीत और नृत्य किए जाते हैं। ये गीत और नृत्य छठ पूजा के महत्व और महिमा को दर्शाते हैं। छठ पूजा के दौरान गाए जाने वाले कुछ लोकप्रिय गीतों में "छठी मैया के दरबार में", "सूर्य देवता की जय हो", "छठी मैया की आरती" आदि शामिल हैं। छठ पूजा के दौरान किए जाने वाले कुछ लोकप्रिय नृत्यों में "झूमर", "डोला", "करिहा" आदि शामिल हैं।
छठ पूजा का सामाजिक महत्व
छठ पूजा का सामाजिक महत्व भी बहुत अधिक है। यह एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। छठ पूजा के दौरान, लोग मिल-जुलकर काम करते हैं और इस पर्व को मिल-जुलकर मनाते हैं। इससे लोगों के बीच आपसी प्रेम और भाईचारे की भावना बढ़ती है। छठ पूजा एक ऐसा त्योहार है जो हमें अपने सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं से जोड़ता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो सदियों से मनाया जा रहा है और हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
निष्कर्ष
छठ पूजा एक ऐसा त्योहार है जो प्रकृति, परिवार और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा हुआ है। यह एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उनके बीच आपसी प्रेम और भाईचारे की भावना बढ़ाता है। छठ पूजा एक ऐसा त्योहार है जो सदियों से मनाया जा रहा है और हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
छठ पूजा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
छठ पूजा कब मनाई जाती है?
छठ पूजा हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है।छठ पूजा का महत्व क्या है?
छठ पूजा सूर्य देव और जल को समर्पित एक त्योहार है। सूर्य देव से शक्ति और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मांगा जाता है, जबकि जल से जीवन और समृद्धि का आशीर्वाद मांगा जाता है।छठ पूजा की विधि क्या है?
छठ पूजा की विधि थोड़ी जटिल है, लेकिन यह बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण है। छठ पूजा का प्रारंभ नाहाय-खाय के साथ होता है। इस दिन लोग स्नान कर के शुद्ध होते हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। इसके बाद, छठ पूजा का मुख्य दिन आता है जिसे खरना कहा जाता है। इस दिन लोग सूर्योदय से पहले उठते हैं और स्नान करते हैं। इसके बाद, वे सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं।छठ पूजा के गीत और नृत्य कौन से हैं?
छठ पूजा के दौरान, कई तरह के गीत और नृत्य किए जाते हैं। ये गीत और नृत्य छठ पूजा के महत्व और महिमा को दर्शाते हैं। छठ पूजा के दौरान गाए जाने वाले कुछ लोकप्रिय गीतों में "छठी मैया के दरबार में", "सूर्य देवता की जय हो", "छठी मैया की आरती" आदि शामिल हैं।छठ पूजा का सामाजिक महत्व क्या है?
छठ पूजा का सामाजिक महत्व भी बहुत अधिक है। यह एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। छठ पूजा के दौरान, लोग मिल-जुलकर काम करते हैं और इस पर्व को मिल-जुलकर मनाते हैं। इससे लोगों के बीच आपसी प्रेम और भाईचारे की भावना बढ़ती है।
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